उलझन  Uljen

                       Part-2




सरोज जल्दी-जल्दी साडी और मैचिंग की जूलरी और सैंडल लेकर जल्दी से ललिता भाभी के यहां से निकल कर पार्टी में जाने के लिए तैयार होने के लिए चल देती है जल्दी से सरोज अच्छी सी तैयार हो जाती है उसके दिन सरोज सबसे सुंदर पार्टी में लग रही थी उसने मन ही मन ललिता भाभी को धन्यवाद दिया आज जिनकी वजह से उनकी इज्जत रह पाई और वह इतनी सुंदर लग रही थी बार-बार उसकी पत्नी भी उसकी ही तारीफ कर रहे थे अब बहुत खुश थी और वह अपनी सबसे अच्छी सहेली ललिता भाभी को मानने लगी थी घर आने के बाद दूसरे दिन सरोज का मन नहीं था साडी को लौटाने  का फिर भी उसने सारा सामान पैक किया और ललिता भाभी को लौटाने के लिए चल दी जल्दी से जाकर उसने ललिता भाभी की घंटी बजाई और उन्होंने कल की पार्टी की सारी घटने को बताया कितनी सुंदर लग रही थी और कितनी प्यारी लग रही थी दोपहर का समय था सरोज के यहां पर कोई ऐसा नहीं था ललिता भाभी के यहां मंदा मंदा ऐसा चल रहा है जो सरोज को बहुत ही ठंडा का एहसास दे रहा था ललिता भाभी ने अलमारी खोलते हुए उसे कहा कि सरोज तुमने इसमें से कोई और सदी भी आज पहनो तुम बहुत सुंदर हो तो ऐसी पीले वाली सदी बहुत अच्छी लगेगी सरोज की लाख मना करने  पर भी ललिता भाभी नहीं मानी और उसने वह पीले रंग की सादी पहनना दी सादी पहनने के बाद सरोज को काफी देर बातें करने की बात थकन सी महसस होने लगी उसे ललिता भाभी से कब उसे घर चलना चाहिए लेकिन ललिता भाभी ने कहा चलो ना हम दोनो चलकर अंदर वाले कमरे में थोड़ी देर आराम करते हैं और थोड़ी देर सो जाते हैं ऐसी की ठंडक में सोना उसे भी काफी अच्छा लग रहा था कि घर जाकर तो उसे उसकी गर्मी का सामना करना पड़ा था इसलिए उसने सोना के लिए ठंडक ज्यादा पसंद किया दोनों के साथ बिस्तर पर थोड़ी देर सरोज की नींद लग गई और जब उसकी आंख  खुली तो उसने देखा कि उसके पास में कोई लेता हुआ है उसने देखा कि ललिता भाभी का पति था तो वह जल्दी उठ कर अपने को संभालती हुई वहां से उठी और बाहर गई और कहा भाभी गलती से भैया शायद मुझे आपकी सदी में देखकर आपको समझ लिया वह मेरे बाजू में आकर लेट गए अब मुझे घर जाना चाहिए सरोज अपने आपको समझते हुए घर की तरफ चल देती है और घर पंहुच जाती है थोड़ी देर बाद घर पंहुचने के बाद उसके मोबाइल पर एक वीडियो आता है जिसे देख कर वह शोक जो जाती है और उसके हाथ जोड़ों में से पसीना छूटने लग सकता है  वीडियो में उसने देखा कि वह पीले रंग की साडी में ललिता भाभी के कमरे में लेती है और उसके बाजू में उसके पति लेते हुए हैं और उसके आला मैसेज लिखा था कि वह वीडियो पूरी कॉलोनी में वायरल हो जाएगा अगर तुम जल्दी से मेरे घर आकर ₹50000 नहीं दोगी तो अब सरोज के हाथ पर फूल चुके थे क्योंकि उसके पास इतने पैसे नहीं थे और वह ललिता भाभी से घबरा रही थी भाभी को फोन करने की कोशिश की।  उनके घर पहुँची तो उनके पति ने कहा मुझे ₹50000 की जरूरत है जो गले में तुमने मंगलसूत्र पहन रखा है इसे बेचकर तुम मुझे ₹50000 दे दो अब घबराहट के मारे सरोज को कुछ नहीं सोच रहा था उसने तुरन्त अपने गले का मंगलसूत्र भेज दिया और 50000 रुपये लेकर उन्हें दे दिया और कहा मेरे वीडियो को डिलीट कर दो लेकिन मामला यह खत्म होने वाला नहीं था आगे ललिता भाभी के ब्लैकमेल करने का सिलसिला बढ़ता ही गया और वह सरोज को रोज कोई ना कोई नई डिमांड करती थी सरोज इन सब चीजों से घबरा चुकी थी  और आखिर उसने एक छोटा फैसला लिया उसने अपने पति की तरफ देखा कि वह कितना परेशान है और इसकी कोई मदद नहीं कर सकता है तब उसने अपने पति को बिना बताए एक छोटा फैसला उठा लिया जैसे ही उसके पति काम पर गए उसने अपने पीछे से अपने आप को फंसा लिया और उसने अपने आप को लटका लिया।  जब उसका पति घर आया और उसने सरोज को इस तरह से फंसी के फंदे से लटका देखा, तो उसके जोड़े जमीन से निकल गए और वह अपने आप को सवाल नहीं दे रहा था, जब उसने उसका सुसाइड नोट लिखा था तो उसमें पूरी बात लिखी हुई थी, तो उसने कहा सरोज इतनी सी बात के लिए मरने की क्या जरूरत थी, एक बार मुझसे तो बात ही होनी थी और उसने एफआईआर दर्ज की, ललिता भाभी और उनके पति के खिलाफ उनको जेल की हवा खिलाई, लेकिन हमेशा के लिए बस सरोज को खो दिया था और सरोज को खोने का गम उसके दिल में कभी भरा नहीं जा सकता था, तो आप भी सावधान  रहें अपने आस पड़ोस से इसे इस तरह से किसी पर विश्वास ना करें।


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