उलझन Uljen Part-2 सरोज जल्दी-जल्दी साडी और मैचिंग की जूलरी और सैंडल लेकर जल्दी से ललिता भाभी के यहां से निकल कर पार्टी में जाने के लिए तैयार होने के लिए चल देती है जल्दी से सरोज अच्छी सी तैयार हो जाती है उसके दिन सरोज सबसे सुंदर पार्टी में लग रही थी उसने मन ही मन ललिता भाभी को धन्यवाद दिया आज जिनकी वजह से उनकी इज्जत रह पाई और वह इतनी सुंदर लग रही थी बार-बार उसकी पत्नी भी उसकी ही तारीफ कर रहे थे अब बहुत खुश थी और वह अपनी सबसे अच्छी सहेली ललिता भाभी को मानने लगी थी घर आने के बाद दूसरे दिन सरोज का मन नहीं था साडी को लौटाने का फिर भी उसने सारा सामान पैक किया और ललिता भाभी को लौटाने के लिए चल दी जल्दी से जाकर उसने ललिता भाभी की घंटी बजाई और उन्होंने कल की पार्टी की सारी घटने को बताया कितनी सुंदर लग रही थी और कितनी प्यारी लग रही थी दोपहर का समय था सरोज के यहां पर कोई ऐसा नहीं था ललिता भाभी के यहां मंदा मंदा ऐसा चल रहा है जो सरोज को बहुत ही ठंडा का एहसास दे रहा था ललिता भाभ...
Chingari part-3
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Chingari
Part -3
अब मैं विनीत पर जोर से चिल्लाते हुए कहा क्या तुम मेरा इस्तेमाल कर रहे थे प्यार की आड़ में मुझे धोखा दे रहे थे । एक पल के लिए विनीत हड़बड़ाया और बोला नहीं नहीं मैं तुम्हें धोखा नहीं दे रहा हूं तुम मुझे गलत समझ रही हो। तुम जानती नहीं हो मुझ पर घर वालों का कितना प्रेशर है। तुम भी एक शादीशुदा थी तब भी मैंने तुमसे प्यार किया तुम्हारे साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाया तुम मुझे गलत समझ रही हो ।
लेकिन विनीत तुमने एक पल भी मेरे लिए नहीं सोचा। मैं कब तक सुमित की इस दरिंदगी को सहती रहूंगी। आखिर मुझे भी जीवन जीने का हक है। मैं कब तक जिंदगी की इन दो बातों में पिसती रहूंगी। मैं तुम्हारे प्यार को सच्चा समझा इसीलिए मैने इस रिश्ते
आगे बढ़ाया। मैं तुम्हारे बिना जीवित नहीं रह पाऊंगी।
प्लीज विनीत मुझे यूं अकेला ना छोड़ो । अब मैं तुम्हारी खातिर समाज की भी परवाह नहीं करूंगी मैं सुमित को छोड़ दूंगी। मुझे सिर्फ तुम्हारा प्यार चाहिए और कुछ नहीं तुम ही मेरे जीवन का आधार हो। विनीत ने मुझे जोर से अपनी बाहों में भर लिया। कहां मैं भी तुम्हारे बिना नहीं रह सकता हूं जिंदगी में पहली बार किसी से एक ही झटके में मोहब्बत हो गई थी।
उसने कहा जाओ तुम भी इस समाज की जंजीरों को तोड़ो मैं भी समाज की जंजीरों तोड़ दूंगा । आज हम इस दुनिया को बता देंगे कि मोहब्बत किसी की मोहताज नहीं होती। प्यार तो बस प्यार होता है जिसे हम घर वालों की बलि क्यों चढ़ा देते हैं। दूसरों की खातिर हम अपने जीवन को क्यों खत्म कर देते है।
अब हम अब समाज के लिए नहीं हम अपने लिए जाएंगे। शायद मैं और तुम एक दुसरे के लिए ही बने है।
और आज हम एक दूसरे की बाहों में हमेशा के लिए खो गए थे इस समाज इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था और अपना एक नया घोंसला बसा लिया था। जहां केवल हमारा प्यार था दुनिया की कोई जंजीर नहीं थी। और उसी प्यार के साथ हम एक दूसरे में समां जाना चाहते थे।
आज हर मोहब्बत करने वाले के लिए हमारा यही संदेश है कि दुनिया और समाज के लिए अपने मोहब्बत की बाली ना चढ़ाओ एक दूसरे को पा लो क्योंकि हम एक दूसरे के लिए बने हैं और प्यार को अपना लो। जिंदगी में प्यार है तो सब कुछ है।
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Romantic kahaniya, Aurat Teri yahi kahani
Aurat Teri yahi kahani Aj bhi yaad h wo tufani raat jab m shiv k saat nyi shadi hoker bombay aayi thi.shiv bombay m engineer the ak bohot badi company m .wo meri jindagi ka sabse tufani din tha. M ak chote s gaanv ki chulbuli si ladki thi .pura gaanv k m sar par chadi rahti thi.ghar m Mera hi shor rehta tha .... Ak din jab m college s aayi to maa aur pitaji aaps m kuch baat kar rahe the ladka acha h engineer h .. Dusre din maa n mujse kaha beti tum Sadi pahn kar teyaar ho jao tumhe ladke Wale dekhne aa rahe sahar m engineer h bada acha rishta h bus tuje pasand kar le .par Maine maa s kaha muje shadi nhi karni h plz abhi m choti hu muje padhna h.par m ak ladki thi meri kisi n nhi suni shiv n ha kah diya 2 din m shadi rakh di Mera college,meri saheliya,meri padhai sabka dum gut gaya..aur m vivah k bandhan m bandh gai..Jo anchaha rishta tha. Ab muje shiv k saath bombay bhej diya gaya .shiv n pure raste mujse baat nhi ki m chup chaap...
Romantic kahaniya,पहला प्यार.........
मेरा पहला प्यार अधूरा रह गया ....... वह कहते है ना जिंदगी बार-बार किसी को मौका नहीं देती। जिंदगी मौका सिर्फ एक बार देती है। अगर आप उसे मौके में संभल गए तो बस आप समझ गए ,और उसे मौके में आप नहीं समझे तो फिर आप कभी भी नहीं समझ पाओगे। ऐसा ही कुछ मेरी जिंदगी के साथ हुआ। जब मैं पहली बार रोहन को देखा तो मैं उसे देखते ही रह गई। बात उन दिनों की है जब मैं एमबीबीएस फर्स्ट ईयर में थी। दिल्ली में मुझे छुट्टियां कमी मिलती थी, लेकिन मेरी मौसी की लड़की की शादी थी ,देहरादून में इसलिए मैंने बस से देहरादून जाने का निर्णय लिया, क्योंकि जाना बहुत जरूरी था क्योंकि मेरी सबसे अच्छी दोस्ती थी। इसलिए जाना बहुत जरूरी ...
Romantic kahaniya ,Aj mene apna pyar paa liya
मैंने अपना प्यार पा लिया है। आज 5 साल बाद में अपने घर लौट रही थी जब से विवेक के साथ विवाह के बंधन में बंधी थी कभी मुड़कर मैंने अपनी पिछली जिंदगी में नहीं देखा आज भी याद है, मुझे वह दिन जब मैं मुस्कुराती थी तो किसी का दिल खिल उठता था मेरी मुस्कुराहट किसी की जीने की वजह थी विवेक और मेरी शादी को 5 साल हो गए पांच साल में मैंने कभी भी पीछे मुड़कर। नहीं देखा मैंने आज को अपना लिया था और शायद कभी भी लौटकर सीकर अपने घर में नहीं जाती। जब आज सुबह उठी तो फोन की घंटी बजी सामने से पापा की आवाज थी बेटा तुझे देखने का बहुत मन है अब तबियत ठीक नहीं रहती है एक बार हमें माफ कर दे। और मिलने आजा पापा की आवाज से मुझे अंदर तक हिला दिया मैं तुरंत विवेक से कहा मुझे घर जाना है उनकी तबीयत ठीक नहीं है। विवेक ने तुरंत ही मेरी टिकट करवा दी। वैसे भी उसे मुझे से कोई मतलब नहीं था। शादी के बाद हमने बहुत कम समय एक दूसरे के ...
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apko post kaise lagi jarur bataye sath hi hmare webs ko subscribe jarur kare.apka comment verification ke baad hi dikhai dega comment karne k liye dhanyavaad.